पंजाब में कोरोना के बढ़ते मामले को देखते हुए, पंजाब सरकार ने लिया नाइट कर्फ्यू लगाने का फैसला

पंजाब में कोरोना के बढ़ते मामले को देखते हुए, पंजाब सरकार ने लिया नाइट कर्फ्यू लगाने का फैसला

पंजाब में कोरोना के बढ़ते मामले को देखते हुए मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने प्रदेश के 9 जिलों में नाइट कर्फ्यू लगाने का ऐलान किया है. यह नाइट कर्फ्यू रात 9 बजे से सुबह 5 बजे तक लागू रहेगा

पंजाब में कोरोना के बढ़ते मामले को देखते हुए मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने 9 जिलों में नाइट कर्फ्यू लगाने का ऐलान किया है. यह नाइट कर्फ्यू रात 9 बजे से सुबह 5 बजे तक लागू रहेगा. सीएम अमरिंदर ने गुरुवार को कहा कि नाइट कर्फ्यू की गाइडलाइन शाम तक जारी कर दी जाएगी, यह नाइट कर्फ्यू हालात पर काबू पाने तक जारी रहेगा.

आपको बता दें कि पंजाब में 1 से 17 मार्च के बीच कोरोना के नए मरीजों की तादाद चार गुना बढ़ गई है. एक मार्च को 500 नए केस सामने आए थे, जबकि 17 मार्च को 2045 नए मामले सामने आए हैं. इसके साथ ही कोरोना से मरने वालों का आंकड़ा भी बढ़ता जा रहा है. बुधवार को एक दिन में 39 लोगों की मौत हो गई, जबकि पिछले एक महीने में 392 लोग जान गंवा चुके हैं.

2022 यूपी विधानसभा चुनाव को लेकर मायावती का बड़ा ऐलान, कहा- गठबंधन करने पर दूसरी पार्टी को

2022 यूपी विधानसभा चुनाव को लेकर मायावती का बड़ा ऐलान, कहा- गठबंधन करने पर दूसरी पार्टी को फायदा होता है हमें नहीं

लखनऊ:BSP संस्थापक कांशीराम की जयंती पर बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने प्रेस कॉन्फेंस की, इस दौरान उन्होंने मोदी और राज्य के योगी सरकार पर जमकर निशाना साधा, इसके साथ ही 2022 विधानसभा चुनाव को लेकर भी मायावती ने बड़ा एलान कर दिया है। उन्होंने बताया कि बीएसपी यूपी में अकेले चुनाव लड़ेगी।

उन्होंने कहा कि गठबंधन करने पर दूसरी पार्टी को फायदा होता है हमें नहीं, देश के कई राज्यों में विधानसभा के चुनाव हो रहे हैं, हमारी पार्टी केरल, पश्चिम बंगाल, पुडुचेरी और तमिलनाडु में भी चुनाव अकेले अपने दम पर लड़ रही है। हमारी पार्टी इन चार राज्यों में किसी भी पार्टी के साथ गठबंधन नहीं करेगी।

कृषि कानुनों को लेकर मायावती ने कहा कि ”जब देश के किसान केंद्र सरकार के कृषि कानूनों से सहमत नहीं हैं तो केंद्र सरकार को कानूनों को वापस लेना चाहिए, जिन किसानों की इस आंदोलन में मृत्यु हुई है उनके परिवारों को केंद्र और राज्य सरकारों को उचित आर्थिक सहायता और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देनी चाहिए, उन्होंने दावा किया कि केवल बसपा ने अपना सब कुछ दिया है ताकि दलितों, शोषितों, आदिवासियों, पिछड़े वर्गों, मुस्लिमों और अन्य धार्मिक अल्पसंख्यकों का सम्मान हो सके.